Maharaja AJMEEDH JI is the Founder of Maidh Kshatriya Swarnakar Community which is known as Varma, Soni, Sunar, Swarnakar We invite all Maidh Kshatriya Swarnkars to join our Maharaja Shree Ajmeedh Ji Blog So come Join this Blog and help our Community to know more about our Maharaja Shree Ajmeedhji History... Thanking You...........!! Jai Admeedh ji....... Regards:Nandkishor Varma, Mumbai
Monday, 29 October 2012
श्री अजमीढ़जी जयंती की हार्दिक शुभकामनाये....!!
आदि पुरुष श्री अजमीढ़जी जयंती की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये...!!
मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार यूथ फोरम कि कि ओर से सभी स्वर्णकार भाई-बन्धु ओर परिवार को "श्री अजमीढ़ जी महाराजा जयंती एवं शरद पूर्णिमा (कोजागिरि)" पर हार्दिक बधाईयाँ तथा शुभकामनाएं.
आज 29अक्टूबर 2012 आश्विन सुदी पूर्णिमा शरद पूर्णिमा (कोजागिरि) को मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के आदिपुरुष " श्री अजमीढ़ जी महाराजा जयंती " बड़ी धूम धाम से मनाने जा रहे हैँ।
आदिपुरुष की जयंती पर श्रध्दासुमन अर्पित कर साथ-साथ मिलकर आगे बढ़ने का संकल्प करे।
जोर से बोलो....जय अजमीढ़जी
प्यार से बोलो ...जय अजमीढ़जी
सारे बोलो...जय अजमीढ़जी
जय स्वर्णकार समाज..जय अजमीढ़जी
मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार यूथ फोरम कि कि ओर से सभी स्वर्णकार भाई-बन्धु ओर परिवार को "श्री अजमीढ़ जी महाराजा जयंती एवं शरद पूर्णिमा (कोजागिरि)" पर हार्दिक बधाईयाँ तथा शुभकामनाएं.
आज 29अक्टूबर 2012 आश्विन सुदी पूर्णिमा शरद पूर्णिमा (कोजागिरि) को मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के आदिपुरुष " श्री अजमीढ़ जी महाराजा जयंती " बड़ी धूम धाम से मनाने जा रहे हैँ।
आदिपुरुष की जयंती पर श्रध्दासुमन अर्पित कर साथ-साथ मिलकर आगे बढ़ने का संकल्प करे।
अजमीढ़जी का मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज हमेशा ऋणी रहेगा.
जोर से बोलो....जय अजमीढ़जी
प्यार से बोलो ...जय अजमीढ़जी
सारे बोलो...जय अजमीढ़जी
जय स्वर्णकार समाज..जय अजमीढ़जी
Thursday, 25 October 2012
Monday, 22 October 2012
अजमीढ़ की माया...!!
पैनी नजर सुनार की, कहीं मीन ना मेख।
आभूषण निर्माण की कार्य कुशलता देख।
कार्य कुशलता देख, सभी हुए अचंभित।
आभूषण निर्माण की कार्य कुशलता देख।
कार्य कुशलता देख, सभी हुए अचंभित।
नौ रत्नों को जड़कर, जेवर किए सुशोभित।
कहें तरंग कविराय, हम क्यों पिछड़ रहे|
हैं कला हमारी क्यों, गैरों को बांट रहे हैं।
सोना-चांदी पारखी, परखे हीरे लाल।
सारी धातू जानते, करते बड़ा कमाल।
करते बड़ा कमाल, कहां से विद्या पायी।
नजर बड़ी है तेज, कहां सीखी चतुरायी।
कहे तरंग कविराय, ये सब अजमीढ़ की माया।
पीढ़ी दर पीढ़ी बनी रहे इनकी क्षत्रछाया।
कहें तरंग कविराय, हम क्यों पिछड़ रहे|
हैं कला हमारी क्यों, गैरों को बांट रहे हैं।
सोना-चांदी पारखी, परखे हीरे लाल।
सारी धातू जानते, करते बड़ा कमाल।
करते बड़ा कमाल, कहां से विद्या पायी।
नजर बड़ी है तेज, कहां सीखी चतुरायी।
कहे तरंग कविराय, ये सब अजमीढ़ की माया।
पीढ़ी दर पीढ़ी बनी रहे इनकी क्षत्रछाया।
बोलों ......
"महाराज अजमीढ़देवजी की जय"
"महाराज अजमीढ़देवजी की जय"
Sunday, 21 October 2012
AJMEEDHJI LOGO.....!!
सभी स्वर्णकार दोस्तों,
आने वाले २९ अक्टूबर २०१२ को हमारे आदि पुरुष श्री अजमीढ़जी जयंती के दिन सभी स्वर्णकार दोस्त अपने अपने प्रोफाइल पिक्चर पर "अजमीढ़जी लोगो" लगा कर अजमीढ़जी महाराज को श्रधासुमन अर्पित करे.
'जय अजमीढ़जी'
Please Change Your Profile Picture as Ajmeedh Ji Logo On Upcoming Ajmeedh Ji Jayanti
आने वाले २९ अक्टूबर २०१२ को हमारे आदि पुरुष श्री अजमीढ़जी जयंती के दिन सभी स्वर्णकार दोस्त अपने अपने प्रोफाइल पिक्चर पर "अजमीढ़जी लोगो" लगा कर अजमीढ़जी महाराज को श्रधासुमन अर्पित करे.
'जय अजमीढ़जी'
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Saturday, 20 October 2012
महाराजा अजमीढ़जी का इतिहास........!!
मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज श्री महाराजा अजमीढ़जी को अपना पितृ-पुरुष (आदि पुरुष) मानती है। ऐतिहासिक जानकारी जो विभिन्न रुपों में विभिन्न जगहों पर उपलब्ध हुई है उसके आधार पर हम मैढ़ क्षत्रिय अपनी वंशबेल को भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ पाते हैं। कहा गया है कि भगवान विष्णु के नाभि-कमल से ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्माजी से अत्री और अत्रीजी की शुभ दृष्टि से चंद्र-सोम हुए। चंद्रवंश की 28वीं पीढ़ी में अजमीढ़जी पैदा हुए। महाराजा अजमीढ़जी का जन्म त्रेतायुग के अन्त में हुआ था।
मर्यादा पुरुषोत्तम के समकालीन ही नहीं अपितु उनके परम मित्र भी थे। उनके दादा महाराजा श्रीहस्ति थे जिन्होंने प्रसिद्ध हस्तिनापुर बसाया था। महाराजा हस्ति के पुत्र विकुंठन एवं दशाह राजकुमारी महारानी सुदेवा के गर्भ से महाराजा अजमीढ़जी का जन्म हुआ। इनके अनेक भाईयों में से पुरुमीढ़ और द्विमीढ़ विशेष प्रसिद्ध हुए और दोनों पराक्रमी राजा थे। द्विमीढ़जी के वंश में मर्णान, कृतिमान, सत्य और धृति आदि प्रसिद्ध राजा हुए। पुरुमीढ़जी के कोई संतान नहीं हुई।
राज
राज
ा हस्ती के येष्ठ पुत्र अजमीढ़ महान चक्रवर्ती राजा चन्द्रवंशी थे। महाराजा अजमीढ़ के दो रानियां सुयति व नलिनी थी। इनके गर्भ में बुध्ददिषु, ऋव, प्रियमेध व नील नामक पुत्र हुए। उनसे मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज का वंश आगे चला। अजमीढ़ ने अजमेर नगर बसाकर मेवाड़ की नींव डाली। महान क्षत्रिय राजा होने के कारण अजमीढ़ धर्म-कर्म में विश्वास रखते थे। वे सोने-चांदी के आभूषण, खिलौने व बर्तनों का निर्माण कर दान व उपहार स्वरुप सुपुत्रों को भेंट किया करते थे। वे उच्च कोटि के कलाकार थे। आभूषण बनाना उनका शौक था और यही शौक उनके बाद पीढ़ियों तक व्यवसाय के रुप में चलता आ रहा है।
समाज के सभी व्यक्ति इनको आदि पुरुष मानकर अश्विनी शुक्ल पूर्णिमा को अजमीढ़जी जयंती मनाते हैं।
|| जय अजमीढ़जी ||
Source:https://www.facebook.com/groups/nandkishor.mosun/
समाज के सभी व्यक्ति इनको आदि पुरुष मानकर अश्विनी शुक्ल पूर्णिमा को अजमीढ़जी जयंती मनाते हैं।
|| जय अजमीढ़जी ||
Source:https://www.facebook.com/groups/nandkishor.mosun/
Saturday, 13 October 2012
मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज की बेटी डॉ. प्रियंका "IAS" अधिकारी बनी....!!
मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज की बेटी डॉ. प्रियंका "IAS" अधिकारी बनी....!!
मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज की बिटिया डॉ. प्रियंका ने साबित कर दिया की समाज की बेटिया किसी से पीछे नहीं है.
सूरतगढ़ के श्री बनवारीलालजी सोनी (सहदेव) की बड़ी बेटि प्रियंका ने करके IAS की परीक्षा में पुरे देश से ५२ वी रँक में आकार अपना और समाज का नाम स्वर्ण अक्षर से लिख दिया.
हमारे समाज के लिए ये बड़ी उपलब्धि और गर्व की बात है और प्रियंका ने बनकर पुरे स्वर्णकार समाज का नाम रोशन किया है और शायद प्रियंका हमारी समाज की पहली बेटिया है जिसने IAS की परीक्षा में पहले १०० में स्थान प्राप्त किया है.
पढ़ाई में हमेशा से अव्वल रहने वाली प्रियंका आरपीएमटी में भी टॉपर रह चुकी हैं। उसका सपना IAS बनने का था, जो आज पूरा हो गया।
डॉक्टर से प्रशासनिक अधिकारी बनी प्रियंका का कहना है की वह समाज हित के लिए कुछ खास करना चाहती थी और जिसके चलते ही उसने IAS बननेका सपना संजोया और दूसरी बार में ही कड़ी मेहनत और लगन से आल इंडिया में ५२ वी रँक प्राप्त करते हुए साबित कर दिया की अगर लगन हो तो देखे हुए सपने पुरे भी किये जा सकते है.
डॉ. प्रियंका स्वर्णकार समाज से चयनित पहली महिला IAS अधिकारी होगी.अजमीधजी ब्लॉग की और से डॉ. प्रियंका और श्री बनवारीलालजी सोनी (सहदेव) का हार्दिक हार्दिक अभिनन्दन.
डॉ प्रियंका ने भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बन हमारे स्वर्णकार समाज की शान पुरे भारत में बढाई है और ऐसी बेटिया पर हमें नाज़ है.
"स्वर्णकार एकता जिंदाबाद"
डॉ प्रियंका ने भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बन हमारे स्वर्णकार समाज की शान पुरे भारत में बढाई है और ऐसी बेटिया पर हमें नाज़ है.
"स्वर्णकार एकता जिंदाबाद"
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